अर्थ : पृथ्वी पर के जल से निकली हुई वह भाप जो घनी होकर आकाश में फैल जाती है और जिससे पानी बरसता है।
उदाहरण :
आकाश में काले-काले बादल छाये हुए हैं।
पर्यायवाची : अंबर, अंबुद, अंबुधर, अंभोधर, अब्द, अब्र, अम्बर, अम्बुद, अम्बुधर, अम्भोधर, अर्णोद, अर्बुद, अश्म, इंद्र, इन्द्र, उदधि, घन, चातकनंदन, चातकनन्दन, जलद, जलधर, जलमसि, जलवाह, तड़ित्पति, तड़ित्वत, तड़ित्वान्, तड़िद्गर्भ, तोक्म, तोयद, तोयधर, तोयधार, तोयमुच, दात्यूह, धाराट, धाराधर, धारावर, धूमयोनि, ध्वसनि, नदनु, नभधुज, नभध्वज, नभश्चर, नभोगज, नभोदुह, नभोद्वीप, नभोधूम, नभोध्वज, नाग, नीरद, नीलभ, पयोजन्मा, पयोद, पयोधर, पाथोद, पाथोदर, पाथोधर, बादल, भव, मतंग, मतंगज, महानाद, मेघ, मेघा, मेचक, मेह, रजलवाह, रैवत, वर्षकर, वर्षाबीज, वर्षुकांबुज, वर्षुकानंद, वर्षुकानन्द, वर्षुकाम्बुज, वलाहक, वातध्वज, वातरथ, वारिद, वारिधर, विहंग, वृष्णि, शक्रवाहन, शारद, श्वेतनील, श्वेतमाल, सत्रि, सुदाम, सुदामन, सुदामा, सेंचक, सेचक
अर्थ : खुले स्थान में ऊपर की ओर दिखाई देने वाला खाली स्थान।
उदाहरण :
आकाश में काले बादल छाये हुए हैं।
पर्यायवाची : अंब, अंबर, अगास, अम्ब, अम्बर, अर्श, अविष, असमान, आकाश, आसमाँ, आसमान, आस्माँ, आस्मान, ख, गगन, गैन, तारापथ, तारायण, त्रिदशवर्त्म, त्रिदिव, दिव, दिव्, द्यु, नभ, नभस्थल, निर्मोक, फलक, महाविल, महाशून्य, मेघद्वार, मेघवेश्म, वियत, वियत्, वृजन, व्योम, शून्य, समा, सोमधारा
अर्थ : एक बहुमूल्य पीली धातु जिसके गहने आदि बनते हैं।
उदाहरण :
आजकल सोने का भाव आसमान छू रहा है।
चैतन्य महापुरुष के शरीर से स्वर्ण जैसी आभा निकलती थी।
पर्यायवाची : अग्नि, अर्ह, अवष्टंभ, अवष्टम्भ, अश्मकर, अष्टापद, आग्नेय, कंचन, कञ्चन, कनक, कांचन, काञ्चन, गारुड़, गोल्ड, चामीकर, ज़र, तामरस, तार्क्ष्य, त्रिनेत्र, दत्र, पुरुद, भद्र, मनोहर, मरुत्, रंजन, रञ्जन, रसविरोधक, वरवर्ण, वर्णि, वसु, शतकुंभ, शतकुम्भ, शतकौंभ, शतकौंभक, शतकौम्भ, शतकौम्भक, शतखंड, शतखण्ड, शातकुंभ, शातकुम्भ, शातकौंभ, शातकौम्भ, शुक्र, श्रीमत्कुंभ, श्रीमत्कुम्भ, सुवरन, सुवर्ण, सोना, स्वर्ण, हाटक, हिरण्य, हेम